Monday, January 28, 2013

ब्लॉग का शौख!!  

आजकल एक नया शौक चढ़ा था,
कविता लिखने का,
इसी चक्कर कमबख्त मैंने अपना ब्लॉग शुरू किया,
सोचा था अब इस ब्लॉग के महफ़िल में आने से 
जरा मशहूर भी हो जाऊंगा।
 
बहुत मेहनत से सींच रहा हूँ हरेक पोस्ट को इस ब्लॉग का,
पर कमेन्ट तो दूर की बात 
हाजरी भी बहुत मुश्किल से कोई लगाता।
बहुत मेहनत से उग़ा रहा था इस ब्लॉग के हर फूल को,
सोचा था महक उठेगा ये कमेंट की खुशबू से!!
क्यूंकि टिप्पणियाँ ही करती है इसे अमर,
किसी तुकबंदी से काम चला लेता मैं,
फर्क न परता मुझे 
यदि वो  "SUMAN " का सिर्फ LIKE ही क्यूँ ना होता।।

कुछ न सूझ रहा हो तो कम से कम यूँ (;) मुस्कुरा ही देने का है,
हौसला अफजाई ही करते,
कम से कम देखने वालों का तादाद ही बढ़ा देते।
माना की मेरे ज़श्न मैं तुम्हे शरीक होने का मन नहीं,
कम से कम ताली तो बजा देते।।
 
पसंद तुम्हे आये चाहे ना आये,
पर कमबख्तों टिकट तो हमने INTERNET का कटवा ही लिया है,
पैसा तो मैं गवां चुका,
अब पसंद आये चाहे न फिल्म तो देखनी ही परेगी तुझे।
 मातम मनाने से तो अच्छा है,
फीकी मुस्कान तुम्हारी।।
फीकी हँसी भी असर करेगी कमबखत!!
 
अब जब आ ही गया हूँ ब्लॉग के इस महफ़िल में,
तो कोई तो निशानी छोर जा रे,
कमबख्तों कमेंट न सही,
कम से कम,
हाजरी के लायक तो हूँ ही।।

1 comment:

  1. vah vah janab.............
    tussi toh cha gaye............

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